Wo Rootha Tu Hum Bhi Chup Rahaye
Ek Baar Mana Lete Tu Roz Khafa Hota
Woh Kehtay Thay Roonay Se Nahi Badalte Naseeb
Unn Ki Iss Baat Ne Umar Bhar Roonay Bhi Na Diya
Na Janay Kyun Dil Main Utter Jatay Hain Woh Loog
Jin Logon Say Kistam Kay Sitaray Nahin Miltay
Kuch Tabiyat Hi Mili Thi Aisi Ke Chain Se Jine Ki Surat Na Huwi
Jise Chaha Use Apna Na Sake Jo Mila Us Se Mohabbat Na Huwi
Janaza Rok Ker Mera Woh Iz Andaz Se Boli…
Gali Hum Ne Kaha Tha Tum To Dunya Chor Ja Rahe Ho…
Dekhi Hai Us Ki Ankh Main Pehli Dafa Nami
Yon Lag Raha Jaise Samander Udaas Hai
Dekhi Jo Meri Nabz To Ik Lamha Soch Kar
Kaaghaz Liya Aur Ishq Ka Beemar Likh Diya
Apne Halaat Ka Khud Ehsaas Nahi Hai Mujhko
Maine Auro Se Suna Hai Ke Pareshaa Hu Main
Bechain Iss Qadar Tha Sooya Na Raat Bhar
Palkoo Se Likh Rah Tha Tera Naam Chand Par
Comments 203
kuch din or ruk ja pagli
tu Muje miss bhi karegi
.
or
meri d.p dekh kar
kiss bhi karegi
मौत को तो लोग ऐसे ही बदनाम करते हैँ तकलीफ तो जिंदगी देती है
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है मैँ अब दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है
इंतजार मेँ इंतजार का इंतजार ना रहा तो क्या हुआ प्यार तो है चाहे ऐतबार ना रहा तो क्या हुआ उसको
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है मैँ अब दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है मैँ अब दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है
mere satha rehne se acha hai mar jana mera..
Maut to jindagi ka vo sach h …jise koi nhi badal sakta …fir hm to insaan h
Dil ko Teri chahat pe bharosha bhi bht h,
“Priti”
Aur tujse bhichad Jane ka darr bhi nh jata. 🙁
मेरी हैसियत से ज्यादा मेरे थाली में तूने परोसा है,
तु लाख मुश्किलें भी दे दे मालिक, मुझे तुझपे भरोसा है।
Mujhe mahobbat usaki ruh s
e he warna jism to bazar me sare aam bikte he
Mujhe mahobbat usaki ruh s
e he warna jism to bazar me sare aam bikte he
haq se de to teri nafrat bhi sir ankho par….
kherat me to hume teri mohabbat bhi gawara nahi….
निशान्त त्यागी की बहुत ही अच्छी पंक्तियाँ-
“जब मुझे यकीन है के भगवान मेरे साथ है।
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।”
+
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…
एक नया दर्द ही…
पुराने दर्द की दवाई है…!
+
हंसने की इच्छा ना हो…
तो भी हसना पड़ता है…
कोई जब पूछे कैसे हो…??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है
+
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों….
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
“माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती..
यहाँ आदमी आदमी से जलता है…!
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जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
+
एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
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सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
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सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब….
बचपन वाला ‘इतवार’ अब नहीं आता |
+
जीवन की भाग-दौड़ में –
क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ?
हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..
+
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और
आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
+
कितने दूर निकल गए,
रिश्तो को निभाते निभाते..
खुद को खो दिया हमने,
अपनों को पाते पाते..
+
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है,
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..
+
“खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह
करता हूँ..
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चाहता तो हु की ये दुनिया बदल दूं ….
पर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों
+
यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे
पता नही था की, ‘कीमत चेहरों की होती है!!’
+
“दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका ‘अहम’ और दूसरा उसका ‘वहम’
+
” पैसे से सुख कभी खरीदा भी नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।”
+
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
‘ईश्वर’ बैठा है, तू हिसाब ना कर….।।।
Bahut achhi shayari hain…esa lgta h ki yahan mohbt ki duniya se jyada sukoon h….
कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा, एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता…….. ।।
nice shayri
इश्क मेँ धोखा इसलिए खाने लगे हैँ लोग क्योंकि दिल की जगह दिमाग लगाने लगे हैँ लोग
Mat kar mohabbat a mere dost ;kyuki itihas gavah h mohabbat me palkono khata ki h to sadione saza payi h…..
मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां
करना;
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस
कर तकलीफ मेरी!
vo aai keh rahi thi bhul javo hume ,,,
hum bhi navab the,,
keh diya unko koun ho tum,,,B-)
सजा हमें ये कैसी मिली दिल लगाने की,
रो रहे मगर तमन्ना थी मुस्कुराने की..!!
:
Tum Sath Ho To Muqaddar Pe Hai Hakoomat Apni,
Bin Tere Zindagi Ki Aukaat Hi Kya Hai….!!!!
Zaroori toh nhi jo khushi de osi se mohabbat ki jaye …..
Mohabbat toh aksar Dil torne walon se bhi ho jati hai…
“ZNMD”
so nice
nice simran
हमारे दुश्मनों को हमारे सामने सर उठाने की हिम्मत नही और वो पगली दिल से खेल कर चली गयी..